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Hardik Mahajan Hardik

Others

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Hardik Mahajan Hardik

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उकेरने

उकेरने

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उकेरने के बाद भी कुरेद रही, न पूछो ज़िन्दगी से 

यह ज़िन्दगी भी अब मुकरती चली जा रही है

क्या करें यह हार्दिक कलम ज़िन्दगी की यह भी

हाथों में नहीं इसके रोक पाना चलती जा रही है।


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