तू कौन है
तू कौन है
तू है कौन है
तू चाहता क्या है
तेरा मकसद क्या है
सवाल वही है जो हमेशा रहता है,
पर इस भाग दौड़ में कोई ध्यान नहीं देता है !
क्या करना है इतना भाग कर,
कहा जाओगे इतना दौड़ कर ,
कभी सोचा है इस बात पर ?
अरे रुक ज़रा, थोड़ा ठहर और
सोच क्या ये जीना भी कोई जीना है !
ये ज़िन्दगी हमारी है
ये कहानी भी हमारी है ,
तो आखिर क्यों हम किसी
और के हाथों में कलम पकड़ा
कर अपनी ही ज़िन्दगी की कहानी
लिखने की इजाज़त दे देते है
क्यों नहीं अपनी कहानी खुद
लिखने की हिम्मत रखते है !
अगर सपने देखे है तो उन्हें पूरा करो,
ज़िन्दगी मिली है तुम्हें तो उससे जीया करो
इस जहां में जाके खुद की एक पहचान
बनाने की हिम्मत तो करो !
पर सच तो ये है की कायर है हम ,
डरते है हम अपने आप से
डरते है हम वो पहला कदम उठाने से
अरे डरते है हम नाकामयाबी से !
भेड़ चाल बना दी है आज सबने ज़िन्दगी
खुद के हुनर को जान सके ऐसा कुछ करना ही नहीं
बस पीछे चलना ही मुकद्दर बना लिया है आज सबने
अरे भाई कंधे तो आखिरी में चार ही मिलने हैं
बस पीछे की भीड़ तुम्हें तैयार करनी है !!