STORYMIRROR

Nikki Sahu

Others

3  

Nikki Sahu

Others

तुम बिन

तुम बिन

1 min
70

   

तुम बिन रिमझिम बारिश भी, 

तुफानी सी लगती है। 

तुम बिन श्रावन की हरियाली भी, 

पतझड़ फागुन सी लगती है।। 


तुम बिन ठंडी हवा का झोंका भी, 

भीषण गर्मी की लपट सा लगता है। 

तुम बिन मधुर संगीत भी, 

शोकगीत सा लगता है।। 


तुम चाँद की शीतलता भी, 

सूरज का ताप सा लगता है। 

तुम बिन नदियों का बहता पानी भी, 

मलिन नीर सा लगता है।। 


तुम बिन एक-एक लम्हा,

सादियों सा लगता है

तुम बिन घर का कोना-कोना, 

खाली सा लगता है।। 


तुम बिन आँगन में गाती

कोयल का स्वर भी, 

कानों को चुभने लगता है।

तुम बिन सांसों का लेना भी, 

बोझ सा लगता है।।

 

तुम बिन जीवन नीरस, 

व्यर्थ सा लगता है।। 



Rate this content
Log in