तेरे आस-पास
तेरे आस-पास
हम यूं मिले इस तरह, न जाने कब प्यार हुआ किस तरह
तेरी मासूंमियत दिल को भा गई, तू दिल के हर कोने मे छा गई
तेरे खयालो मे रहने लगा, तुझे अपना बनाना है हरदम खुद से ये कहने लगा
मगर कमबख्त मै इस बात से अंजान था, कि मै पल दो पल का मेहमान था...
हर एक सपना मेरा टूटा है..
शख्सियत अलग उनकी, चेहरा उनका झूटा है
शिकायत करे तो करे किनसे
मुझे तो गैरो ने नही अपनो ने ही लुटा है..
प्यार हमारा उन्हे भाया नहीं,
जान लेते वक्त उन्हे मुझपर रहम आया नहीं,
कोई खता नही थी मेरी,
फ़िर क्यों ऊपर वाले ने भी हाथ बढाया नहीं..
छिन ली गई सारी खुशियाँ मेरी,
रोंधा गया हर एक ख्वाब मेरा,
तोड़ा गया साथ हमारा,
रह गया ये प्यार अधूरा…
मुझे शौक न था तुझे छोड़ कर जाने का,
मुझे शौंक न था मुँह मोड़ कर जाने का,
न मै तुझसे खफ़ा था, न मै कभी बेवफ़ा था,
मै तो करता था हरदम बंदगी तेरी,
मगर बुरे वक्त के हाथो भेट चढ़ गई ज़िंदगी मेरी..
मै तुमसे इतना कहता हूँ, दुनिया के लिए दूर सही..
लेकिन तेरे आस-पास ही कहीं रहता हूँ..
तू जो थी साथ मेरे, किसी का भी मुझे गम न था,
ज़िंदगी जितनी ज़ी कम ज़ी, पर प्यार मेरा कम न था,
मत रोक अपनी ज़िंदगी तूँ , मुझे तेरी खुशी चाहिए,
मै तेरी यादें बनकर रहूँगा हरदम, पर होंठो पे तेरी हँसी चाहिए..
चलो तुम जंहा, चुनो तुम जिसे भी, करो तुम जो भी फ़ेसला
मेरी रज़ामंदी शामिल है, तेरा खिखिलाता जीवन ही तो मेरी मंज़िल है..
मै तुमसे इतना कहता हूँ, दुनिया के लिए दूर सही..
लेकिन तेरे आस-पास ही कहीं रहता हूँ..
जब देखता हू तुम्हे बिलख़ता हुआ,
जलता है दिल मेरा सुलगता हुआ,
पलको पे आंसूओ को कब तक सजाओगी,
मेरे लिए आखिर कितने आंसू बहाओगी,
मै रहूंगा तेरी काया तेरा जुनू बनकर.. इनसान नही तो साया या रुह बनकर..
मै अब दुनिया छोड़ गया हूँ सही नही होगा मेरा इंतजार करना,
मै सितारो मे बस गया हूँ मन हो तो नजरे उठा कर मेरा दिदार करना,
मै तुमसे इतना कहता हूँ, दुनिया के लिए दूर सही..
लेकिन तेरे आस-पास ही कहीं रहता हूँ..
पापो का नाश होगा, पापियों का सर्वनाश होगा,
गूंजेगा परमात्मा का राग जब, अस्तित्व उनका भी खाक होगा..
मै तो अब हवा बन चुका हूँ, बेजान कोई दवा बन चुका हूँ,
ज़िंदगी रोक कर अपनी मुझे कोई वज़ह मत बना,
ज़िंदगी खुशनुमा होती है, उसे अब सज़ा मत बना..
मेरे लिए तड़पने की कोशिश मत कर,
तुझे हक है प्यार पाने का..
मेरे लिए मरने की कोशिश मत कर,
तुझे हक है ज़िंदगी जीने का..
मेरे लिए बेरंग होने की कोशिश मत कर,
तुझे हक है नये रंगो से सपने सजाने का…
मेरे लिए बेबस होने की कोशिश मत कर,
तुझे हक है दुनिया बसाने का…
मै रहूंगा यादों में बन कर दरिया कोई, मै लौटूंगा फ़िर बनकर ज़रिया कोई,
मै तुमसे इतना कहता हूँ, दुनिया के लिए दूर सही..
लेकिन तेरे आस-पास ही कहीं रहता हूँ..
मै तुमसे इतना कहता हूँ, दुनिया के लिए दूर सही..
लेकिन तेरे आस-पास ही कहीं रहता हूँ..