Zahiruddin Sahil
Others
तालीम !! अपने बुज़ुर्गों से मैंने ये पाई है !
ज़ुबां, लफ़्ज़ों के साथ,अदब की तमन्नाई है !
सुबह
रंग ए वतन
भेज भइया को ब...
आशियाना
अमल
इशारों क...
बुलावा
पैगाम
आँगन
होने से