स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
पंधरा अगस्त भारत को मिली थी स्वतंत्रता,
1947 में हमारा देश आज़ाद हुआ।
साहस से अग्रेज़ों की मिटादी हर निशानी थी,
जिन्होंने करी इस देश में अपनी मनमानी थी।
कोई लौट कर आया,
किसी ने दी कुरबानी थी।
क्सा वीर थे वो जिन्होंने भारत को ,
सोने की चिड़िया वापिस बनानी की ठानी थी।
कई अग्रेज़ों ने वॉर किया,
कुछ डर कर भाग गए।
भारतियों ने लड़ना सीख लिया,
अग्रेज़ बिचारे हार गए।
जिन्होंने भारतियों को कैद कर तड़पाया था,
आज खुद तड़प रहे हैं जिन्होंने भारत से इंडिया बनाया था,
सुनो सभी अंग्रेज़,
आज हम तुमसे कहते हैं।
दोस्ती का हाथ बढ़ाओगे तो मिलेगी,
नहीं ते जाबाज़ लड़ने बैठे हैं लड़ाई मिलेगी।
जाओ वीरों याद रखेंगे ,
तुम्हारी से कुरबानी।
हर पंधरा अगस्त बोलेंगे ,
तुम्हारे लिये मीठी वाणी।
हम भी कभी देश के लिये लड़ेंगे,
भारत देश का नाम रौशन करेंगे।
