स्वागत है ऋतुराज तुम्हारा
स्वागत है ऋतुराज तुम्हारा
फूलों की कलियां महक रही
पेड़ों पर चिड़िया चहक रही
हवाओं ने गुनगुनाया है गाना
पंछियों ने सुनाया है तराना
स्वागत है ऋतुराज तुम्हारा।
सूरज किरणें खुशियां लाई
धरती ने ली है अंगड़ाई
पर्वत के पाहन गाने लगे
अम्बर की आंखे ललचाई
स्वागत है ऋतुराज तुम्हारा ।
नदियां कलकल कर आने लगी
नवगीत वसुधा गाने लगी
सागर है तैयार बांहे पसार
मिलने को सरिता जाने लगी
स्वागत है ऋतुराज तुम्हारा ।
पीत रंग से रंग गई धरती
खुशबू प्रेम की आने लगी
प्रेम का माह बसंत रंगीला
मदहोशी इश्क़ की छाने लगी
स्वागत है ऋतुराज तुम्हारा।