STORYMIRROR

Ashok Kumar

Others

3  

Ashok Kumar

Others

सोचता हूँ प्रेमगीत लिखूं

सोचता हूँ प्रेमगीत लिखूं

2 mins
13.5K


सोचता हूँ प्रेमगीत लिखूं
फिर सोचता हूँ गीत में 
किसे अपना मीत लिखूं ,
लिखूं भी या न लिखूं …
अगर लिख ही दिया कोई नाम
तो क्या होगा अंजाम ,
डरता हूँ कहीं बैठे बिठाये 
कोई हो जाये न बदनाम…
फिर सोचा लिखूं ही क्यों कोई नाम 
प्रेमगीत ही तो लिखना है 
लिखता हूँ बेनाम …


प्रेम तो पवित्र एहसास है 
जो हर दिल में बसता है ,
और गीत भावनाओं की अभिव्यक्ति का 
एक सुन्दर सुगम सा रस्ता है I
तो मैं नाम के चक्कर में क्यों पड़ता हूँ 
आसान सा तो रास्ता है 
इसी पे निकलता हूँ …


इस समस्या का ज्यों ही हुआ समाधान 
दूसरी तैयार थी करने लगी परेशान 
बोली अरे नादान
थोडा तो खुद को पहचान 
बिना चश्मे के तुझे दिखेगा क्या ?
लिखने तो तू बैठ गया 
पर ये तो बोल 
गीत में लिखेगा क्या ?


मैं हैरान थोडा परेशान 
क्योंकि बात एकदम सही थी ,
और जो अब तक 
मेरे दिमाग में नहीं जमी थी…
ये वो ही दही थी 
दही थी और सही थी ,
इसलिए मैंने भी खुद से ये बात 
कई बार कही थी …


कहा था थोडा इधर उधर निहारो 
विषयवस्तु पर कुछ तो सोचो विचारो 
पर खुद की सुने कौन ?
इसलिए मैं हो गया मौन …
और मौन ही रहता 
अगर ये मुझसे मदद के लिए न कहता 
कहा, तो मैं मान गया 
इसकी परेशानी को भी पहचान गया 
इसकी परेशानी का एक ही हल है 
चलना इसकी मर्जी, रास्ता सरल है …
आंखें बंद करके अन्दर ही तो झांकना है
कोई तो है वहां बस उसे ही निहारना है …


जो पाक है पवित्र है 
सुन्दर सलोना  चित्र है,
रिश्ता बड़ा विचित्र है 
फिर एक ही तो मित्र है …
तनहाइयों का साथी 
जैसे दिए की बाती ,
मेरी रात का उजाला 
मन में बसा शिवाला ,
कभी गुनगुनी धूप सी 
कभी चांदनी स्वरुप सी ,
कभी खिलती कली सी 
कभी सोने में ढली सी ,
जिसे देख देख जीता 
अमृत के घूँट पीता ,
वो है तो मेरी हस्ती 
उसमें ही जान बसती..

 
रगों में दौड़ते लहू सा 
और भी न जाने क्या क्या 
मैं सोचता चला जाता हूँ 
और सोचते सोचते 
बहुत दूर निकल जाता हूँ ...
फिर सोच में पड़ जाता हूँ 
कि सोच भी क्या चीज़ है अजीब
कभी दुनिया से दूर कभी एकदम करीब ..


सोच, एक विकट मायाजाल है 
जीवन का सबसे बड़ा जंजाल है 
मैं अपनी सोच के इसी जंजाल में 
उलझता चला जाता हूँ 
और लाख कोशिशों के बाद भी 
एक प्रेमगीत नहीं लिख पाता हूँ ....
एक प्रेमगीत नहीं लिख पाता हूँ ....


Rate this content
Log in