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Phool Singh

Others

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Phool Singh

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संविदा कर्मचारी

संविदा कर्मचारी

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निकाल दो उस संविदा कर्मचारी को 

जिससे तुम्हारी बनती नहीं 

मौका है उठा लो फायदा 

तुम्हारी बहतरीन स्थिति उससे कहीं।।

 

बात से ज्यादा काम वो करता 

जिसकी होती नियुक्ति नई 

तेरा कहना माने हरदम 

ना नुकुर की हिम्मत नहीं।।


आर्थिक स्थिति तोड़ के उसकी 

निकाल लो शत्रुता अपनी सभी 

रोजगार की कमी बहुत है 

ना जल्दी से नौकरी भी मिले कहीं।।


खुद आयेगा गिडगिड़ाता 

जल्दी ना देना माफी भी 

शिक्षा परिणाम ना भाड़ में जाए 

उनकी सामने तेरे चलनी नहीं।।


पेट पे उसके लात मार कर 

संतुष्टि मन की कर ले अभी 

नहीं निकाला आज भी तो 

दोबारा मौका मिलेगा नहीं।।


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