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Dr.Shree Prakash Yadav

Others

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Dr.Shree Prakash Yadav

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संगत

संगत

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सदा जो सुसंगत में आते रहेंगे

विवेकी स्वयं को बनाते रहेंगे

उन्हीं की बनी और बनती रहेगी

पथिक अपने में अपने प्रियतम को पाकर

महोत्सव निरंतर मानते रहेंगे।


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