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Shreya Nayak Poet

Others

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Shreya Nayak Poet

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समंदर - मीठी यादो की

समंदर - मीठी यादो की

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हमारी दोस्त हैं प्यारी , हो तुम सब से गुणकारी। 

टांग खींची साथ में हम ने सबकी कॉलेज में , मस्ती हम करके डांट लगवाते थे आगे वालो को ।

 रहता हैं तेरे पास हर सवाल का जवाब , जैसे गूगल हो या विकिपीडिया हमारी । 

समझती हो तुम मेरी हर बात बिना कहे , क्या हो तुम कोई अंतर्यामी । 

रहती हो तुम करने मदद मेरी हमेशा , नहीं करती हो फरक किसी में भी ।

बहाने बनाती हो तुम अपनी दोस्ती के लिए , यह ही हमारी दोस्ती को सबसे अलग बनाती । 

होते हैं हमारे विचार हमेशा सेम , मेमोरी के लिए करके रखूंगी हमारे फोटो को फ्रेम । 

बात करने के लिए नहीं चाहिए कोई विषय , हमारा कॉलेज बना हमारे दोस्ती का आश्रय । 

साथ में जाते थे कॉलेज , लास्ट बेंच पर बैठना था हमारा प्रिविलेज.

 प्यारी हैं तुझे बी टी एस की आर्मी, कभी नहीं छोड़ना तुम टांग खींचना मेरी । 

हमारे सीक्रेट्स एक दूसरे को बताते हैं, बैंक के तिजोरी से ज़्यादा विश्वास रकते हैं ।

 हम दोनों कॉलेज में बैठे थे गीली छत के नीचे, फिर भी हमारी दोस्ती नहीं थी किसी से पीछे । 

बन के रहना दोस्त मेरी, वादा करती हु ऐसे ही दोस्ती निभाऊंगी ।


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