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Udbhrant Sharma

Others

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Udbhrant Sharma

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सिक्का

सिक्का

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सिक्का जो चल रहा है

धड़ल्ले से बाज़ार में

कोई ज़रूरी तो नहीं कि

अमेरिका की मुहर

उस पर लगी हो

अर्थशास्त्र का नियम तो ठीक

कि खोटा सिक्का

खरे को करता

चलन से बाहर

मगर उत्तर आधुनिक समय में

अगर खोटा सिक्का ही

बने बादशाह की मुहर

उसे नकारने की ज़ुर्रत

करेगा कौन?

बलवान का सिक्का तो

चलेगा नहीं दौड़ेगा

भले ही एक दिन को

यहाँ तक कि

चमड़े का भी

वैसे चमड़े के सिक्के का

ज़ोर सबसे ज़्यादा

शान से चले दुनिया के

सारे बाज़ारों में

इस सिक्के का

दूसरा पक्ष

कृष्णपक्ष

अर्थशास्त्र के नियम को

धता बताते हुए

हाशिये पर

जाने को मजबूर।


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