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Raj sharma

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Raj sharma

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शिव का प्रतिरूप सैंई (हिमाचल )

शिव का प्रतिरूप सैंई (हिमाचल )

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धरा ये देवों की अति मनभावन ।

देवों की अटल महिमा सनातन ।।

कण कण शिवमय शोभित धारा ।

अनुपम प्रदेश है हिमाचल हमारा ।।

सैंई के रूप में महादेव को ध्यावे ।

भक्ति में खो के जति गीत को गावे।।

वितान में सूत्र बेस जो शिव पावे ।

सर्व भूतल में फिर स्पर्श न होवे ।।

बड़भागी बड़े है ये मन्डोल तरुवर।

विराजित शिव है रस-रस भीतर ।।

है सैंई पीत स्वर्णिम वर्ण में पूजित ।

सुर नर मुनि जन से शिव आराधित।।

महाशिवरात्रि का महापर्व अतिप्यारा ।

भांग-धतूरा भस्म से श्रृंगार हो सारा ।।



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