शिव का प्रतिरूप सैंई (हिमाचल )
शिव का प्रतिरूप सैंई (हिमाचल )
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धरा ये देवों की अति मनभावन ।
देवों की अटल महिमा सनातन ।।
कण कण शिवमय शोभित धारा ।
अनुपम प्रदेश है हिमाचल हमारा ।।
सैंई के रूप में महादेव को ध्यावे ।
भक्ति में खो के जति गीत को गावे।।
वितान में सूत्र बेस जो शिव पावे ।
सर्व भूतल में फिर स्पर्श न होवे ।।
बड़भागी बड़े है ये मन्डोल तरुवर।
विराजित शिव है रस-रस भीतर ।।
है सैंई पीत स्वर्णिम वर्ण में पूजित ।
सुर नर मुनि जन से शिव आराधित।।
महाशिवरात्रि का महापर्व अतिप्यारा ।
भांग-धतूरा भस्म से श्रृंगार हो सारा ।।