शीर्षक:रंगों का त्योहार
शीर्षक:रंगों का त्योहार
1 min
256
तन के तार छूए बहुतों ने
पर मिला न मीत अपना सा
मन का तार न भीगा
तुम अपने रंग में रंग लो
तो समझूँ कि आज होली हैं।
देखी पहले भी होली
दुनिया की रंगीनी की
किन्तु रही कोरी की कोरी
तुम अपने रंग में रंग लो
तो समझूँ कि आज होली है।
मेरी चादर झीनी झीनी
रंग से हो गई गीली गीली
आओ उसको अपने रंग में रंगने
तुम अपने रंग में रंग लो
तो समझूँ कि आज होली हैं।
