इस कामयाबी की असली हकदार हो तुम...। इस कामयाबी की असली हकदार हो तुम...।
शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता है. शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता ह...
तस्वीर से जुदा किये अहबाब इस तरह तस्वीर से जुदा किये अहबाब इस तरह
इक आरज़ू रही के कोई और रक्खे ख्याल इक आरज़ू रही के कोई और रक्खे ख्याल
आज तुम्हें पाया भी नहीं और हम जिंदा भी है। आज तुम्हें पाया भी नहीं और हम जिंदा भी है।
मैं फूलों-सा खिल जाता हूँ, जब जिक्र तुम्हारा आता है...! मैं फूलों-सा खिल जाता हूँ, जब जिक्र तुम्हारा आता है...!