शब्द की महिमा
शब्द की महिमा
शब्द ऐसे बोलिए जो सबका मन ले मोह
जो अपन को अच्छा लगे और उनको सुख होय
शब्दों में बड़ी जान होती है
इसी सी दुआ और अजान होती है
शब्द वक्तव्य की इकाई मात्र है
पर सच कहती हूं शब्द में बड़ी जान होती है
शब्द ही हराते हैं ,शब्द ही जिताते हैं
शब्द ही हंसाते हैं ,शब्द ही रुलाते हैं
सच कहती हो शब्दों में बड़ी जान होती है
शब्द ही शक्ति देते ,शब्द भक्ति देते
शब्द ही रिक्त कर देते, शब्द ही मन भर देते
सच कहती हूं शब्दों में बड़ी जान होती है
शब्दों से ही प्रेम बरसते, शब्दों से ही नफरत
शब्दों से ही अपने बनते, शब्दों से ही दुश्मन
सच कहती हूं शब्दों में बड़ी जान होती है
शब्द ही फूल हैं, शब्द ही कांटे
शब्द ही घाव करे, शब्द ही बने मरहम,
शब्द ही अमृत पिलाएं और शब्द ही विष
सच कहती हूं शब्दों में बड़ी जान होती
शब्द ही बड़प्पन का अहसास करवाती
शब्द ही गंभीरता का एहसास कराते
शब्द ही हल्का कर देते, शब्द ही छिछोरा
शब्द ही मेल कराते और शब्द ही विरह
सच कहती हूं शब्दों में बड़ी जान होती है
शब्द तो हथियार हैं ,कभी तलवार कभी ढाल हैं
कभी तीर हैं, कभी घाव है
कभी भाल हैं ,कभी छाल हैं
कभी नरम है ,तो कभी गर्म है
सच कहती हूं शब्दों में बड़ी जान होती है
शब्द की महिमा बड़ी है हल्के में मत ले
तोल मोल के बोल ले, सबका भला होए
बड़े-बड़े बोल कर किसी का भला ना होय
जो संभल कर बोलिए सब का भला होए
मीठा मीठा बोल कर सबको अपना बनाया
जो कड़वा बोलिए अपना भी हुआ पराया
शब्दों की महिमा बड़ी है जो कोई बोले ज्ञानी
जो एक बात यह समझ ले हो जाए स्वाभिमानी
अन्ना कहे शब्द को सोच समझकर बोलिए
औरन को भी ना चुभे, खुद को ठंडक होए
