"छत" पे खड़े थे देखा, "छोटा" सा सपना "छत" पे खड़े थे देखा, "छोटा" सा सपना
इस आसमान-ओ-दिल में मौसम ही कुछ और हो। इस आसमान-ओ-दिल में मौसम ही कुछ और हो।