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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

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सावन भादों की बदरिया

सावन भादों की बदरिया

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सावन भादों की बदरिया

मनभावन लागे।।

सावन भादों की बदरिया 

मनभावन लागे ।।

ढंक जाए सूरज, बादल

और बारिस जीवन की

खुशियां जैसे भावे।।

सावन भादों की बदरिया 

मनभावन लागे।।

बादल और बारिश जैसे

चाहत वइसन आवे फुहार

छम छम पायल की झंकार

मन प्रीत प्यार जगावे।।

सावन भादों की बदरिया

मनभावन लागे।।

उमड़ घुमड़ ,बादल और

बारिश प्रेम प्रीति की रीति

राग बताये।।

सावन भादों की बदरिया

मनभावन लागे।।

जब आवे बादल और वारिश

प्यार प्रेम की मस्ती याद आवे।।

सावन भादों की बदरिया

मनभावन लागे।।

रिमझिम बारिश की फुहार 

भीगा बदन गोरी का आँगर

प्यार के बादल और बरसात

मौसम लाये।।

सावन भादों की बदरिया

मनभावन लागे।।

बाहारों की बादल और बारिश

दिल की गली में मोहब्बत के

अरमां जगाए।।

सावन भादों की बदरिया

मनभावन लागे।।

चाँद बादल की आगोश में

मल्लिका मोहब्बत की पायल

की छम छम जिंदगी मोहब्बत

का सरगम सुनाए।।

सावन भादों की बदरिया

मनभावन लागे।।



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