साईं राम तेरे हज़ारों हाथ
साईं राम तेरे हज़ारों हाथ
साईं राम तुम्हे मेरा प्रणाम,
तुम हो इस जगत के नाथ,
तुम्हारे बिना इस दुनिया मैं कुछ भी नहीं,
तुम्हारे भक्तो की पुकार सुन तुम दौड़े चले आते,
साईं राम तेरे हज़ारों हाथ।
तुमने कितनो को जीवन दान दिया,
कितनो को ठीक किया,
कभी किसी की आखों की ज्योत जलाई,
तो कभी किसी को चलना सिखाया।
है साईं राम सुन ले मेरी पुकार,
साईं राम तेरे हज़ारों हाथ।
तुम्हारे आगमन से शिरीदी धन्य हो गई,
तुम जहाँ भी जाते फैलाते हो खुशियाँ,
कभी मेरे भी घर पधारो बाबा,
भर दो मेरी भी झोली मैं खुशियाँ,
साईं राम तेरे हज़ारों हाथ।
तुम्हारे दर्शन को तरस गई आखें,
दर्शन दो मुझको मेरे साईं,
अगर कोई भूल हो गई मुझसे,
तो क्षमा दान दो मुझको साईं,
कभी रूठ ना जाना मुझसे तुम,
साईं राम तेरे हज़ारों हाथ।
तुम्हारे हज़ारों लाखों भक्त हैँ,
तुम दर्शन देते सबको साईं,
तुम एक ही समय मैं कैसे हो सकते हूँ,
अनेको स्थान पर ये कोई नहीं समझ सका मेरे साईं,
तुम्हारी लीला तो तुम ही जानो,
साईं राम तेरे हज़ारों हाथ।
तुमने गरीबो को खाना खिलाया,
दुखियो का कष्ट दूर किया,
जिसका कोई नहीं होता,
उसका तुम हो मेरे साईं,
है ईश्वर है मेरे भगवान,
साईं राम तेरे हज़ारों हाथ।
