अन्याय चारो तरफ बढ रहा पता नहीं कोन उसे मिटाएगा! अन्याय चारो तरफ बढ रहा पता नहीं कोन उसे मिटाएगा!
एहसास से लिपटे थे ख्वाहिशों की दुनिया ये उन दिनों का प्यार था। एहसास से लिपटे थे ख्वाहिशों की दुनिया ये उन दिनों का प्यार था।