रानी बिटिया
रानी बिटिया
नन्हीं सी मेरी रानी बिटिया
नन्हीं सी ही लगती है
बड़ी भले ही हो जाओ
पर गुड़िया जैसी दिखती है
मन कोमल है पर वह
निश्चय की पक्की रहती है
बचपन से ही उसे तो बस
भाई की तो नहीं रहती है
परिवार को सम्मान मिले
पापा का ध्यान भी रखती है
मम्मी की सहेली बनकर रहती
भाइयों की ढाल बन जाती है
सखी सहेलियों को समझाती है
पढ़ो लिखो जीवन में आगे बढ़ो
पढ़ने से ही जीवन में सारी खुशियां आती है
उसके जीवन में भी नई-नई खुशियां
आए मेरे दिल से यही दुआ निकलती है
औरों की भी बने प्रेरणा सबको नई
दिशा दिखलाती है
बिटिया दिवस तो हर रोज है
पर 26 सितंबर को
राष्ट्रीय बालिका दिवस
हम सब मनाएंगे
नन्ही सी कविता से
2021 को खास बनाएंगे।