प्यारी निंदिया रानी
प्यारी निंदिया रानी


मेरी प्यारी निंदिया रानी,
तुम मेरी बचपन से सब से प्यारी सहेली हो,
और मेरी आँखें तुम्हारी पसंदीदा जगह ।
मुझे मालूम है ।
अब भी तुम से स्नेह उतना ही है मुझे,
ये जानती तो हो तुम भी ।
मगर प्यारी निंदिया रानी,
अब वो आराम नहीं, अब वो रात और वो दिन नहीं ।
यूँ हर पल आँखों में मत रहा करो,
इन से परे तुम भी आराम थोड़ा किया करो ।
पढूं या ना पढूं, टीवी देखूँ या ना देखूँ,
ज़्यादा खा लूँ या थोड़ा कम खाया करुँ,
देर रात तक जागूँ या अल सुबह उठ जाऊँ,
योग व्यायाम करुँ चाहे आलस कर जाऊँ,
किसी टेंशन में होऊँ या बेफिक्र हो जाऊँ,
तुम हर वक़्त यूँ पलकों पे सजी ना रहा करो ।
मेरी प्यारी निंदिया रानी,
इन से परे तुम भी आराम थोड़ा किया करो ।