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achla Nagar

Children Stories

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वही पुराना दौर

वही पुराना दौर

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आज कितने दिन के बाद रौनक आई है,

 हम सब मिलकर पिकनिक मनाने जा रहे है।


जिंदगी में वही सब कुछ खुशियां  वापस आई है, 

फिर से वही पुराना दौर दिख रहा है।

 

आसमाँ भी खिल रहा है, 

सूरज भी खिल रहा है।


लॉक डाउन की वजह से सब कुछ अच्छा हो  गया, 

हम सब घर वाले आपस में एक दूसरे के साथ पल बिताने के लिए खुश हो रहे हैं।


पहले हम मजबूरी में पल बिताते थे,

लेकिन अब तो दिल से दिल के मेल हुए हैं, 

उसमें हम रम जाते हैं।


मम्मी पूछे बच्चों से बोलो तुमको क्या चाहिए,

चुन्नू बोला मुझको तो बस मिठाई का रसगुल्ला चाहिए,

मुन्नु बोला मम्मा मुझको तो चॉकलेट चाहिए।

 

दादा दादी की तो गाड़ी पीछे रह गई है,

उनके लिए क्या बना कर लाई हो आप मम्मी,

बोलो वह क्या खाएंगे,

ढोकला, खांडवी, दही भल्ले या फिर चाट या पानी पुरी।


मैं सब चीज का इंतजाम करके मैं आई हूँ,

आज हम सब खुशियों के पल साथ निभाने आए हैं।


चुन्नू मुन्नू बोलो यह टॉमी क्या खाएगा,

तो मुन्नू बोला भैया इसका तो मैं बिस्कुट लाया हूँ।

 

इसके साथ  हम खेल खेलेंगे, 

यह तो गेंदबाजी बहुत अच्छा करता है।


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