परीक्षा
परीक्षा
अबकी बार परीक्षा में बहुत अच्छे नंबरों से टॉप किया।
प्रसन्न था मन,
शाबाशी दे रहा था खुद को अरे वाह !!मैंने यह क्या किया?!
नौकरी के लिए देना था इंटरव्यू, तै
यारी पूरी थी लेकिन फिर भी पास ना हुआ।
बहुत रोया मन और बोला परमात्मा से
हे परमात्मा तूने यह क्या किया?
ऐसा सुनकर परमात्मा ने भी तो मन में ही जवाब दिया क्यों क्या मैंने तुझे दिमाग नहीं दिया?
पास तो स्वयं हुआ और फिर मैंने कर दिया !
वह समय जब अच्छे नंबर पाकर अहंकार में डूबा था,
तभी पढ़ाई कर लेता,
व्यर्थ में वह समय तूने क्यों गंवा दिया।
प्रत्येक आज तेरा बीते हुए कल का परिणाम है।
जैसा तूने किया वैसा ही फल मिला ,
अब भला क्यों तू परेशान है।
बात तो सही थी, परमात्मा ने जो कही थी।
विषाद छोड़कर आज मुझे देना केवल अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान है।
परमात्मा की कृपा से मैं सफल जरूर होऊंगा।
परमात्मा ने सिखाया है जो यह पाठ अब इसे जीवन भर नहीं भूलूंगा।