परी -लोक
परी -लोक
नन्ही -नन्ही परियों की
सोच का परी लोक
गुड़ियों की दुनिया।
सपनों के बादलों में बसा
न्यारा अलौकिक
एक अदृश्य लोक।
नन्ही -नन्ही परियों की,
सोच का परी लोक।
पंखो की उड़ान
जादू की छड़ी
शब्दों को पूरा करती
नित नई उड़ान ।
जीवन को जोड़ती
खुशियों में मोड़ती
लेकर अपनी सोच को ,
पंख लगा यहां -वहां घूमती।
बादलों पर महल बना
सपनों की उड़ाने भरती ।
खुश हो जाती
छोटी-छोटी बातों पर ,
नाचती गुनगुनाती।
फूलों से बातें करती
हवा के साथ ,
हवा हो जाती।
पंख लगा के
अपना -अपना ,
क्षितिज पा जाती।
नन्हीं-नन्हीं परियों की ,
सोच का परी लोक।
धरती पर रहकर
अपने -अपने
सपनों का आसमां पा जाती।