प्रधानमंत्री के नाम
प्रधानमंत्री के नाम
मन तू साथी , सब कुछ भूल कर ,
अंतर्मन से ध्यान करो .
प्रति दिन आयु बढ़ती जाये ध्यान मगन प्राणायाम करो .
कलुष भाव को सदा मिटाकर
दिल से भय का नाश करो .
अपने को तू स्वस्थ बना कर
निज में ही प्रकाश भरो .
"मैं" ही सबसे ऊँचा है
तू "मैं " में अंतर्ध्यान धरो .
काम , क्रोध ,मद , लोभ हटाकर
स्वयं कि ही पहचान करो .
सारा जगत यह सपना है
तू भली भांति यह देख रहो .
एक दिन सपना टूट जायेगा ,
मानस में यह ज्ञान भरो.
मैं हु सुखी स्वाधीन जगत में
अब तो हूँ उन्मुक्त यहाँ .
यही सोच ना तनिक फिक्र है
मुझको अब निश्चिन्त करो .
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