पीत बसंत
पीत बसंत
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पीत है धरती , पीत है अम्बर
पीत प्रेम बह रहा वसुधा पर ।
आज पीत रंग की चुनर ओढ़कर
फसलें लहलहा रही वसुधा पर ।
पीत है प्यारा ऋतु बसंत को
प्रीत रंग बना पीत वसुधा पर ।
है पीत वस्त्र में सजी सरस्वती
वंदन कर अरविन्द वसुधा पर ।
प्रीत का माह और पीत का रंग
मीत को रंग दे पीत वसुधा पर ।