फूल के जैसे
फूल के जैसे
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खिले हुए फूलों को देख कर
मन के जो भाव हैं,
मेरे पास शब्द नहीं हैं
उन्हें लिखने के लिए।
बीस वर्ष के बाद
दोस्तों से मिला है तो
जो संतोष मिला है
वो बाँट नही पाया।
ये समय है
हाँ, ये समय बहुत अमूल्य है
जो मेरे यौवन के दोस्तों से मिली,
हाँ आज मैं महसूस करती हूँ
दोस्ती ,दोस्ती है
ये प्रकृति का विशेष है।
