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Hardik Mahajan Hardik

Others

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Hardik Mahajan Hardik

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पगडंडी नुमा

पगडंडी नुमा

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पगडण्डी नुमा ज़िन्दगी से परहेज़ नहीं करती,

अक्सर यहीं ख़्वाहिश ज़िन्दगी ये नहीं कहती।


सीढ़ी-पर-सीढ़ी पैरों से थामकर नहीं रखती,

मंजिलें अक्स की शख्स से पूरी नहीं करती।


बेफ़िक्र बेख़बर ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं कहती,

फ़िक्र में घिरे जवाब पर सवाल ये नहीं करती।


पहेलियाँ पगडंडियों की सुलझा नहीं रखती,

जहां सवालों से घिरे जवाबों के नहीं करती।


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