पापा
पापा
बहुत याद आते हैं पापा, मुझको भूल ना पाते हैं पापा
कितना लाड लडाया करते थे पापा, जब भी मैं रूठा करती
तो देकर तोहफ़ा कोई प्यारा सा मुझे मनाया करते थे पापा ।
खाना भी अपने हाथों से खिलाया करते थे पापा, मम्मी करती
गुस्सा जब-जब, अपनी बगल में छुपाया करते थे पापा
कृतघ्नता कभी ना करना, ऐसी बातें बताते पापा,
परोपकारी बनो सदैव, हमको ये सिखाया करते पापा
जब कभी पड़ती बिमार तो सारी- सारी रात जागा करते पापा।
साहसी और मेहनती बनाने को डांट भी तो लगाया करते पापा
संस्कार दिए, सुन्दर पालन किया, करके मेहनत हमारा हर सपना।
पूरा किया, तपती धूप में ठंडी छांव का एहसास दिलाते पापा
कभी ना आने दिया मेरी आंखों में आंसू, हुई जब विदा तो छुप-छुप।
रो रहे थे पापा, ख़्याल रखना मेरी बेटी का, हाथ जोड़ कर कह रहे थे पापा
नहीं भूल सकती वो बातें पापा की, बैठ करके जो समझाया करते पापा।
बहुत याद आते हैं पापा, सबसे न्यारे, सबसे प्यारे मेरे पापा।
मेरे पापा कभी ना लौट कर आएंगे, मेरे पापा, बहुत याद आते हैं पापा।
