नव वर्ष
नव वर्ष
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नई आस लिए, नया प्रात लिए
नव वर्ष का कर सोपान प्रिय
नई प्रीत लिए,संगीत लिए
कर नव जीवन की शुरूआत प्रिय,
कर पुरातन का अवसान प्रिय
जो अशुभ हुआ उसे भूल जा
कर नूतन सुख का आवाह्न प्रिय
तू नव ऊर्जा धारण करके
निज कर्म का कर सम्मान प्रिय,
बो ह्रदय में प्रेम के बीज नए
और पूर्ण विश्वास से सींच उसे
तू छोड़ दे अहं-द्वेष,विराग प्रिय
बस जोड़ मेल और अनुराग प्रिय,
बन ज्ञान-चेतना,सुमति की
तू जन -जन में धार प्रिय
उन्नती संग मानवता का
तू ही कर नव श्रृंगार प्रिय।