निर्मम इंसान
निर्मम इंसान
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बदायूं की निर्मम नृशंस और क्रूरता पूर्ण अमानवीय हत्या की घोर निंदा करते हुये प्रस्तुत हैं कुछ पंक्तियाँ.
रमजान का पवित्र माह है इबादत का हिंसा की इजाजत न देता कुरआन है।
रोजा रखने नमाज पढ़ने जकात तकसीम करने का ही कुरान में विधान है।
कुरआन की नसीहतों विपरीत आचरण जो करे भला वो कैसा इंसान है।
वह तो मानव हरगिज़ हो ही नहीं सकता वो कैसा निर्मम है शैतान है।।