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suvidha gupta

Others

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suvidha gupta

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निर्भया

निर्भया

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जब महामारी में कालाबाजारी हुई,

तब वकीलों की यह आवाज़ है आई,

कालाबाजारियों की पैरवी नहीं करेंगे,

मुनाफाखोरों जमाखोरों को माफ नहीं करेंगे,

सच में, बहुत अच्छी सोच दिखलाई,

क्योंकि अब बात अपनी जान पर जो बन आई।


जब कोई निर्भया रोती पुकारती है,

अपना दर्द बयां कर-कर हारती है,

तब यही वकील उसे कटघरे में नंगा खड़ा करते हैं,

अपने बेहुदा सवालों की बौछार दिन रात करते हैं,

सारा भयानक मंज़र फिर से दोहराते हैं,

पूरा ब्यौरा बार-बार उसी से उगलवाते हैं।


मुल्जिमों के वकीलों का तो क्या ही कहिए,

बड़ी शान से दोषियों की पैरवी करते हैं,

क्योंकि तब मुसीबत अपनी जान पर नहीं,

किसी और की बेटी, परिवार पे आई होती है,

इंसानियत के ऐसे गुनाहगारों का, 

क्या वकीलों को बहिष्कार नहीं करना चाहिए।


इस घिनौने अपराध की सज़ा इतनी कठोर होनी चाहिए,

मुल्जिम तो क्या उसके माता-पिता को भी कड़ा दंड मिलना चाहिए,

क्यों उन्होंने अपनी परवरिश में ढिलाई करी,

जब बेटा हाथ से निकल रहा था, क्यों नहीं उसकी धुनाई करी,

यही लोग हैं जो पहले बेटा-बेटा की दुहाई देकर, उन्हें सिर पर चढ़ाते हैं,

फिर ये लौंडेबाजी, छेड़छाड़, रेप, गैंगरेप तक अंजाम दे जाते हैं।


ऐसे ही तथाकथित कुलदीपक मानवता को शर्मसार करते हैं,

इन हैवानों की पैरवी करते वकील, दुनिया को और हैरान करते हैं,

बलात्कार जैसे अपराध की समाज में दहशत होनी चाहिए, 

और बलात्कारियों के लिए सिर्फ और सिर्फ नफरत होनी चाहिए,

इस गुनाह के दोषियों के लिए न्यायपालिका इतनी सशक्त, बेजोड़ हो,

इनके जीवित बचने का न कोई रास्ता, न कोई तोड़ हो।


बलात्कारी के परिवार का नाम भी, सरेआम होना चाहिए,

ये सभी समाज से बहिष्कृत हों, ऐसा अब काम होना चाहिए,

उसके परिवार वालों का तो हुक्का पानी ही बंद होना चाहिए,

पीड़ित महिला का दर्द, अब उन्हें भी महसूस होना चाहिए,

हर बहन, बेटी की सुरक्षा, उसका जन्मसिद्ध अधिकार है,

बलात्कार मुक्त भारत हो, अब यही समय की पुकार है,

बलात्कार मुक्त भारत हो, अब यही समय की पुकार है।



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