नीयत नीयति
नीयत नीयति
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क्या क्या किया जाये
सकून से जिया जाये
क्या खाया पिया जाये
जो निरोग जिया जाये
क्या पढ़ा लिखा जाये
नौकरी अच्छी पायें
क्या ठाठ दिखाई जाये
जो धाक जमाई जाये
इन प्रशनों की आड़ में
घिरे द्वन्द्वों की बाढ़ में
चयन कोई आसान नहीं
सब तो आज़माएँ नहीँ
अपनो से परामर्श करा
समझ लगाई,अन्दर झांका
पते की बात है ये बतानी
नीयत ने ही नियति बनानी
भली सोच, भला हो काम
भरोसे से लो प्रभु का नाम
द्वन्द सब सुलझ जायेंगे
जीवन का अर्थ भी पायेंगे।
