नीलम शर्मा
नीलम शर्मा

1 min

275
था मृदुल स्वभाव, थी बहुत सरल,
दूरदर्शन की वो शान थी,
रोज़ रात "चर्चा में" आकर
हर दिलों में बसती जान थी।
उगते सूरज सा तेज़ था उसमें,
"तेजस्विनी" को हमने खो दिया!
"नारी-शक्ति" की अग्रिम मिसाल,
उस "नीलम-रत्न" को खो दिया!