नीली औरतें
नीली औरतें
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सतरंगी होते हैं शहर
अतरंगी होते हैं शहर..
रंगों का शहर
शहरों का रंग
इक अलग तौर
इक अलग ढंग..
इन रंगीन शहरों में
रहती हैं कई
नीले रंग की औरतें।
कभी मिले हो तुम
किसी नीली औरत से?
उजड़े आसमान सी
अधूरे अरमान सी
ख़ामोश शमशान सी
शिव के विषपान सी..
भारी भारी गहने हैं
नीले ज़ेवर पहने हैं
गर्दन में नीली माला है
नीला ही कंगन डाला है..
लोहे का ज़रा नुकीला होगा
पर कमरबंद भी नीला होगा..
चेहरों पर घुप अंधेरे होंगे
आँखों के नीचे घेरे होंगे
जिस्मों पर ज़ख़्म उकेरे होंगे..
कुछ छुपे हुए
कुछ दीखते होंगे
वो कभी कभी तो
चीख़ते होंगे..
कैसे बिन बोले सहती है!
या ख़ामोशी कुछ कहती है
ग़ौर से आवाज़ सुने हम
कल नहीं, अब आज सुने हम..
ये ज़िन्दगी सी सुरीली औरतें
कहीं बन जाएं न नीली औरतें।