नीला गुलाबी
नीला गुलाबी
गुलाबी नीले रंगों में
बचपन बांटा जाता है,
कपड़े, खिलौनों बातों में
विभाजन तभी हो जाता है।
लड़कों को गुलाबी लाल रंग
रास नहीं आता,
गुड़ियों का खेल बस
लड़कियां खेलती हैं।
बस ,ट्रक ,रेल, ट्रेक्टर ,
क्या उन्हें नहीं भाता है।
क्रिकेट फुटबॉल के
मैदान में बाज़ी मारते हैं,
रसोई बर्तन के खेल से
दूर ही रखे जाते हैं।
रोएं जो मैदान में तो
कमजोर कहलाते हैं।
मार पीट गाली दे
अपना क्रोध जताते हैं।
क्यों लड़के रो नहीं सकते?
क्यों भाव शब्दों में पिरो नहीं सकते?
क्या ऐसे ही पैदा हुए थे या,
हमने ऐसा बना डाला?
मर्द को दर्द नहीं होता,
कह संवेदना को कुचल डाला।
जब कोई लड़का हाथ उठाता है
या कहीं हथियार उठाता है,
तब उस बच्चे के सूखे आंसू
बहने को मचलते हैं।
पर हंसेंगे सब लड़की कहकर,
वो हिंसा अस्त्र में बदलते हैं।