STORYMIRROR

anamika khanna

Children Stories Classics Inspirational

4  

anamika khanna

Children Stories Classics Inspirational

महिला दिवस

महिला दिवस

1 min
334

अपने कर्तव्य संग भरती उड़ान

ना कोई शिकायत या थकान

हर युग में देती अग्निपरीक्षा

फिर भी होती जीवन का आधार!

 

जिम्मेदारी संग भर रही उड़ान

छू लेने दो उसे भी आसमान,

नहीं कहती हाथ पकड़ो मेरा

अकेली विजय का करती आगाज!

 

जगत जननी, सर्व विजेता

नारी अद्भुत गौरवशाली है

प्रेरणा हर क्षेत्र की

महिमा उसकी निराली है!

 

 

शक्ति की मिसाल है

कदमों में उसके जन्नत है

कभी मां कभी बेटी कभी अर्धांगिनी है

है नारी तेरी महिमा निराली है !


Rate this content
Log in