कि जो मेस लीडर होती थी हॉस्टल की हमारी, सब्जी सबसे पहले उसे ही चखायी जाने लगी।। कि जो मेस लीडर होती थी हॉस्टल की हमारी, सब्जी सबसे पहले उसे ही चखायी जाने लगी...
वीरान होती बस्ती दर बस्ती हो गई जीवन कितनी सस्ती। वीरान होती बस्ती दर बस्ती हो गई जीवन कितनी सस्ती।