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मेरी साँसें हैं महकती सारा जिस्म खिल गया है

मेरी साँसें हैं महकती सारा जिस्म खिल गया है

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मेरी साँसें हैं महकती सारा जिस्म खिल गया है

कल रात मुझको छत पर कोई ऐसा मिल गया है

 

लब उसके हैं गुलाबी,आँखों में एक चमक है

है मीठी उसकी बातें,आवाज़ में खनक है

मेरे दिल की महफिलों में अब उसकी ही धनक है

 

मेरी साँसें हैं  महकती सारा जिस्म खिल गया है

 

मेंरा यार है जूही का कोई फूल इस चमन में

उसे देखता हूँ जब मैं कभी दिल के अंजुमन में

भर जाती है ख़ुशी तब मेरे पूरे तन-बदन में

 

मेरी साँसें हैं महकती सारा जिस्म खिल गया है

 

ढंग उसका दिलफ़रेबी रंग उसका शबनमी है

मेरे हाथ की लकीरों में बस उसकी ही कमी है

मैं हूँ प्रेमी उसका कब से वो मेरी अब बनी है

 

मेरी साँसें हैं  महकती  सारा  जिस्म खिल गया है

कल रात मुझको छत पर कोई ऐसा मिल गया है


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