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Sunil Maheshwari

Others

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Sunil Maheshwari

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"मेरी नन्ही दुनिया"

"मेरी नन्ही दुनिया"

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जहाँ जन्म हुआ 

उन यादों को कैसे भूल जाएंं,

जहाँ बीता बचपन मेरा 

उस ख्वाबगाह को क्यों 

भूल जाएंं।

मिट्टी के घरौंदे 

बचपन की मस्ती 

थी सबसे अलग, 

मुस्कान हरदम हँसती 

कैसे उन यादों को 

खुद से दरकिनार 

कर दूँ ।

कैसे उन पलों से 

मैं अपना नाता तोड़ दूँ।

जब जाता हूं,

अपनी उसी 

नन्ही दुनिया में

जहाँ पर खेला बचपन मेरा,

मेरे मस्तीखोर यार में 

नया तराना नयी वो दुनिया,

कहा से कहांं आ गए हम, 

कितना सफर तय करते करते,

कितना आगे बढ़ते आ गये हम।


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