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Saima Kuttikar

Others

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Saima Kuttikar

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मेरी कहानी अधूरी

मेरी कहानी अधूरी

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एक हादसे ने बदल दी पूरी ज़िन्दगी मेरी

अब तो बस यादें रह गयी है मेरे पास तेरी


सारे ख्वाब जैसे एक झपकी में बिखर गए

हम तुम एक होने से पहले ही बिछड़ गए


न जाने कैसे कटेगा तेरे बिना ये आने वाला कल

बहुत याद आते है तेरे साथ बिताये वो खूबसूरत पल


सुरों से सजी इस ज़िन्दगी में सन्नाटा छा गया

जब तू हमेशा हमेशा के लिए दूर हो गया


मेरे लिए तेरे बिना ज़िन्दगी जैसी एक सजा है

मैं भी तो क्या करू,आखिर यही तो खुदा की रज़ा है


तेरे क़िस्सों से भरी थी मेरी ज़िन्दगी की किताब

बस तू ही तो था मेरे हर एक सवाल का जवाब


तुझे अब देखने की ख्वाहिश भी कभी पूरी न हो पायेगी

आखिरी उम्मीद है कि शायद सपनों में मुलाकात होगी


बहते अश्कों के साथ, है इस कविता की पंक्ति आखिरी

क्योंकि तेरे बिना है ये मेरी ज़िन्दगी की कहानी अधूरी


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