मेरा पहला पहला पहला प्यार
मेरा पहला पहला पहला प्यार
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चाहो तो तुम कह दो या मेरी रूह का ऐतबार |
एक सरगम है वो मीठी सी, या धूप में बारिश की फुहार ||
ना मैं उससे कुछ कह सका ना मिला सका उससे नज़र |
उसके हुस्न का जाम था ही नशीला इस कदर ||
कभी दिल किया की आगोश में ले लूँ
तो अगले पल छूने से भी डर गया |
थी वो हक़ीक़त और मैं सपना समझ के मुकर गया ||
जब होश सँभाला तो सोचा छूकर लब
मै कर दूँ मोहब्बत का इज़हार,
पर तब तक शीशे की तरह टूट गया
मेरा पहला, पहला... पहला प्यार ||