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Nikhil Sharma

Others

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Nikhil Sharma

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आँधियों से बातें करने दो

आँधियों से बातें करने दो

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आँधियों से बातें करने दो 
तूफ़ान से मुलाक़ातें करने दो 
हवाओं पे अब है बसेरा

कुछ ख़्वाहिशें पलने दो 
धड़कनों को बढ़ने दो 
ख़ुशियों पे हक़ है मेरा

आरज़ू मचलती है 
कोई तमन्ना चहकती है 
ख़्वाबों से एक नाता भी है मेरा

क्यूँ रहना अब गुमसुम 
जब संग है हम तुम 
तेरा साथ ही जहाँ है अब मेरा

 


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