मेरा भारत
मेरा भारत
सब देशों में मेरा भारत
आगे सदा रहा था,
आगे सदा रहा है,
और आगे सदा रहेगा।
जीरो दे कर हमने गणना सबको सिखलाया ,
संवेदना छिपी पौधों में सबको ज्ञान कराया ,
और सनातन धर्म हमारा
अमर सदा ही रहा था,
अमर सदा ही रहा है,
और अमर सदा ही रहेगा।
सब देशों में मेरा भारत
आगे सदा रहा था,
आगे सदा रहा है,
और आगे सदा रहेगा।
अमन, शांति का परचम हमने जग में लहराया,
ऊँच-नीच का भेद भुलाकर सबको गले लगाया,
लाखों संकट सह करके भी
हम ना कभी डरे थे,
हम ना कभी डरे हैं,
और हम ना कभी डरेंगे।
सब देशों में मेरा भारत
आगे सदा रहा था,
आगे सदा रहा है,
और आगे सदा रहेगा।
वीर शहीदों की ये भूमि ऋषि मुनियों की धरती,
पतित पावनी हर-हर गंगे सबको निर्मल करती,
और हिमालय प्रहरी बनकर
कल भी सजग रहा था,
अब भी सजग रहा है,
और कल भी सजग रहेगा।
सब देशों में मेरा भारत
आगे सदा रहा था,
आगे सदा रहा है,
और आगे सदा रहेगा।
