Neelam Sharma
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मन मेरा कोरा कागज,
आत्मा जीवन सार,
मेहनत की स्याही से,
मैंने रचा भविष्य आधार।
कहती है
बिखरे अक्षर की स्याही,
दिल की बातें हम लिखते हैं।
सुनकर आत्मा की पुकार को,
अक्षर अक्षर ग़म लिखते हैं।
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