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मैं भी बनूंगी सहारा

मैं भी बनूंगी सहारा

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मेरी प्यारी गुड़िया जीवन से भरी,

ख़ुशियों की कड़ी मन में यूं लहरी

जब से आई तू मेरे अंगना 

मेरे भाग्य खुले लक्ष्मी बसी घरमा

तेरे मासूम सवालों की लड़ी

तोतली जुबां की कली खिली


पलकों को बंद करके नन्ही परी सो जाती 

जाने कहां मीठे-सपनों में खो जाती 

लचक कर भरती कदम हौले हौले उठाती  

अपने आप में खोई हुई बहार मुस्काती 


माँ की कोख में बेटी बोल रही

मुझे भी देख लेने दो ये संसार  

मेरा भी हक़ है खेलने का

कुछ सपने मैंने भी देखे

माता-पिता की गोद में मुझे है आना 

कुल -दीपक बन मैं भी बनूंगी सहारा


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