मैं भारत हूं - 1
मैं भारत हूं - 1
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मैं भारत हूं ,
हां , मैं ही भारत हूं ,
जिसे तुम देख सकते हो ,
किसी भी गली , नुक्कड़ और चौराहे पर
अरे ! कहां ढूंढ रहे हो मुझे ?
वो जो किताबों में लिखा है
वो मैं नहीं हूं ,
मैं तो बसता हूं
गांव की गलियों में ,
पनघट की पनिहारी में ,
खेती करते किसान में ,
जिसे तुम शहरों में ढूंढ रहे हो
वो तो पाश्चात्य भारत है ।
अगर देखना चाहते हो मुझे
तो चले आओ
धूल भरे रास्तों से गुजरकर
लहलहाती फसलों के खेतों में ,
मैं वहीं मिलूंगा तुम्हें।
