मायने
मायने
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एक परमात्मा को तोड़कर बना दिए उसने
दो लिंग, जिनके जीवन चक्र हेतु
तीन देव बता दिए जो रम गए
चार ओर हमारे और
पांच तत्वों से बने हमारे शरीर को दे दी
छः इन्द्रियां और छटी इन्द्री पा वह सोचने लगा बनने को
सात आसमानों का मालिक और
आठ दिशाओं का स्वामी
नौ रूपों में आई देवी को पांडाल में बंद कर
दस विद्या युक्त इंसानों को मानने लगा - एक शून्य.
और बदल गए शक्ति के मायने!