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Renuka Middha

Others

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Renuka Middha

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मासिक धर्म

मासिक धर्म

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मानेंगे तब, ग़म में शिरकत भी 

तभी कर पाओगे, 

जब दर्द छुपा हमें, सहने को 

कोई नसीहत ना बतलाओगे, 

जब ना समझोगे..कोई बीमारी 

इसको, 


सहज ले, सम्मान कर साथ, 

जब निभाओगे। 

ना ही समझोगे कभी भी,

अछूत हमें , 

मन्दिर देवालय में भी 

पूजा करवाओगें। 


गढ़ती -चुभती, तिरछी निगाहों,

भद्दे कटाक्ष हटा 

दर्द की नमी में दे साथ, 

अपनापन जतलाओगे। 


खुद को मज़बूत कहने वाले,

अहंकारी पुरूष कभी पल 

भर ठहर कर सोचा है ? 

प्रकृति की ये सुन्दर देन 

ना होती तो, 

दर्द के आवरण में लिपटी 

हमारी मुस्कान न होती, 

तो तुम दंभ में भरे बाहुबली,

वंश अपना कहा से चलाओगे। 



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